शुक्रवार, 19 सितंबर 2008
फिल्मे जो मैंने देखी
पिछले हफ्ते मैंने तीन अलग - अलग फिल्म देखि दो फिल्म तो एक ही विषय पर बनी थी किंतु तीसरी फ़िल्म डी लास्ट लीअर अमिताभ बच्चन की पहली अंग्रेज़ी फ़िल्म का विषय अलग था तीनो ही फिल्मो में अभिनय और निर्देशक द्वारा कलाकार से उसके अन्दर की संपूर्ण कला निचोड़कर परदे पर डाल दी हो ऐसा भाव साफ़ दिख रहा था अन्य दो फिल्मे थी आतंकवाद को पृष्ठभूमि में रखकर बनी फिल्मे "मुंबई मेरी जान" और " ऐ वेडनेसडे ". अनुपम खेर , परेश रावल , के के मेनोन,अमिताभ जी और अर्जुन रामपाल ने अपने परिपक्व अभिनय से इन फिल्मो को मेरे और मेरे जैसे कई और सिनेमा प्रेमियों के दिलो में हमेशा के लिए अंकित हो गए हैं ये पोस्ट मै सिर्फ़ इसलिए लिख रहा हूँ क्योकि ये फिल्मे देखने पश्चात मुझे इन फिल्मो की तारीफ़ करने की इच्छा हुई और मैंने कई मेरे दोस्तों को इन फिल्मो को देखने की सलाह भी दी और उनमे से कुछ ने तो मेरी सलाह मानी भी इस हफ्ते श्याम बेनेगल निर्देशित मेरे जीवनकाल की पहली कॉमेडी फ़िल्म वेलकम टू सज्जनपुर आ रही हैं जिसे देखने के लिए मैं उतना ही बेकरार हूँ जितना मेरी बेकरारी सिंह इस किंग ने बधाई थी
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Baki do filmo ke bare main to pata nahi par "A wednesday" jaroor maine dekhi hai or nasiruddin shah/anupam kher ne dil jeet liya.
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