शनिवार, 27 दिसंबर 2008

साल की आखरी पोस्ट

नया वर्ष दरवाजे पर दस्तक दे रहा है , समय है नए साल के लिये अपने लक्ष्य तय करने का, रिजोलूश्यन बनाने का । इस वर्ष फिटनेस पर ध्यान देना है , इस वर्ष सीए क्लियर करना है, जैसे कई विचार मन मे आने लगे है । वैसे नए साल के अपने रिजोलूश्यनस पर हम शायद साल के पहले महीने ही कायम रह पाते आते है और उसके बाद जोश ठंडा पड जाता है । किंतु पिछ्ले महीने के आतंकी हमलो के बाद हमने जिस उत्साह से आतंक का मुकाबला करने की बाते की है उसे आने वाले नए साल मे ले कर चलना अत्यंत आवश्यक है । हर किसी ने नए साल के लिये कुछ न कुछ सोचा होगा या सोच रहे होंगे मैने भी काफी चीजे सोची है जो शायद मै आपसे जो भी मेरे विचारो को पढते है अगले साल के पहले सप्ताह मे शेअर करूँगा । यदि आप कुछ सुझाव देना चाहते है तो जरूर दे ।

सोमवार, 8 दिसंबर 2008

आओ कुछ कर के दिखाए

पिछले महीने ज्यादा कुछ लिख नही पाया शायद लिखने के लिये कुछ था ही नही । हाँ ब्लॉग जगत मे मुंबई हमलो के बाद उठी लहर को एक दिशा जरूर प्रदान की । कई लोगो ने अपने विचार,सुझाव और उपाय लिखे, मैने भी शायद अपनी पिछली पोस्ट मे एसा कुछ लिखने की कोशिश की । किंतु आज उस घटना को हुए लगभग दो हफ्ते बीत जाने के बाद एसा लगता है कि हमने, सुझाव तो बहुत दिये है किंतु अपनी ओर से भी हमारी कुछ जिम्मेदारियाँ है उनके बारे मे हमे सोचना होगा और स्वंय को इतना सक्षम और जिम्मेदार बनाना होगा कि एसे हमलो को रोका जा सके और यदि भविष्य मे एसा कभी हमारे साथ हो तो न केवल हम स्वंय बच कर निकल सके बल्कि अपने साथियो की रक्षा भी कर सके । और फिर काफी सोचने के बाद मैने ये निश्चय किया कि अपने जीवन मे निम्नलिखित बदलाव लाकर मै शुरुवात करना चाहूँगा : १) किसी भी प्रकार के गैरकानूनी काम का प्रचार करना बंद करे । हमारे देश मे भ्रष्टाचार को बढाने का सबसे मुख्य कारण है "MOUTH PUBLICITY OF WRONG DOINGS" । अरे मेरा पैन कार्ड नही बन रहा है क्या करू, फलाँ एजेंट तो बिना किसी कागज के ही पैन कार्ड बना देता है तू उसके पास क्यो नही जाता, अरे मुझे सिम कार्ड चाहिए पर मेरे पास कोइ एड्रेस या पहचान का प्रूफ नही है , अरे फलाँ गली मे स्थित फलाँ दुकान से सिम कार्ड तो बिना किसी प्रूफ के ही मिल जाते है एसे वाक्य हमने कई बार स्वंय बोले और सुने होंगे । एसी चीजे आतंक के सौदागरो के लिये मददगार साबित होती है, यदि हम इन चीजो को रोक नही सकते तो कम से कम इनका प्रचार तो न करे और लोगो को,अपने मित्रो को और जिनसे भी हमारा संपंर्क हो उन सबको एसा करने से रोके ।उन्हे बताए कि ये देश की सुरक्षा के लिये कितने घातक हो सकते है,शायद इससे प्रभावित होकर लोग इन कामो को करना छोड दे । २)अपने आस-पास नए रहने आने वाले लोगो पर नजर रखे । खास कर एसे मकानो पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है जिनके मालिक आसपास न रहते हो क्योकि एसे लोग अक्सर अनजान लोगो को ही घर किराये पर देते है । नए लोगो के साथ कैसे लोग रहते है,उनसे कैसे लोग मिलने आते है और वे किस तरह के समान घर के अंदर ले जाते है इस बात का भी ध्यान रखना चाहिये । हो सके तो त्योहारो के बहाने इनके घर के अंदर जा कर देख भी लेना चाहिए । ३)एक चीज जो हम सभी के लिये अमल मे लाना आसान है वो ये कि हम ये सुनिश्चित करे कि यदि कभी हम एसे किसी हमले की बीच फँस जाए तो हम दूसरो पर बॊझ न बने बल्कि दूसरो की मदद कर पाए । इसके लिये खुद को मानसिक और शारिरिक रूप से सशक्त बनाने की जरूरत है जो कि थोडा मुश्किल जरूर है किंतु नामुमकिन नही । अपने कमॆंट्स के जरिये बताइये कि एसी और कौन से तरीके जिसे आम आदमी अपने जीवन मे इस्तेमाल कर सके,शायद अब केवल विरोध करने से नही चलेगा अपने बल्कि कुछ कर के दिखाना होगा ।

FIGHT OF COVID - VIEW FROM A COMMONER

THE SITUATION IS GRIM AND A VIRUS HAS TAKEN US ALL INTO A SITUATION THAT WE ALL WANT TO GET OUT OF, BUT ARE ANXIOUS, RELUCTANT AND UNABLE ...