शनिवार, 6 अप्रैल 2019

२०१९ के चुनावो की चर्चा - ०१


लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्यौहार आने वाला है , अगले पांच वर्षो के लिए अपने नीति निर्धारकों का चयन करने का समय गया है विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के ये चुनाव लगभग अगले दो महीने तक केवल हमारे देश, बल्कि लगभग सम्पूर्ण विश्व के लिए चर्चा का विषय रहेंगे वोट डालने से पहले ये उचित है की सरकार के काम की परख करने के पश्चात ही वोट डाले आइये मै अपनी निजी राय अपने अनुभव के आधार पर आप सब के समक्ष रखता हूँ
                        
                        शुरुवात एक ऐसे क्षेत्र के बारे में जिससे मेरा प्रतिदिन आमना सामना होता है, लगभग तीन  दशकों से मै उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र का निवासी हूँ ,  और १९९६ से यहाँ की लोकल ट्रेनों में सफर कर रहा हूँ , ये सच है की निम्न मध्यमवर्गीय आबादी के लिए लोकल ट्रेन एक समस्या रही है और उसकी सुविधाओं में बढ़ोतरी लगभग सभी सरकारों ने की है, किन्तु पिछले पांच वर्षो में लोकल ट्रेन से सम्बंधित कार्यो की गति दर्शनीय रही है, चाहे नए एस्कलेटर रहे हो या ओवरब्रिज , इनके निर्माण में तेजी आयी और इसके परिणाम स्वरुप यात्रा सुखद हुई है , फिर भी इस दिशा में सदैव प्रयत्नशील रहने की आवश्यकता है और निश्चित ही आनेवाली कोई भी सरकार इसी गति से कार्य जारी रखेगी ये मुझे पूर्ण विश्वास है आश्चर्य तो मुझे हमारे बिहार के जहा वर्षो पहले घोषित प्रोजेक्ट और कार्य धरातल पर दिखाई देने लगे , वैसे अधिकारियो की लापरवाही की वजह से ही ये प्रोजेक्ट लटके पड़े थे किन्तु ये भी सच है की अधिकारियो की लगाम सरकार के ही हाथ में होती है और उनसे कैसे काम लिया जाये ये भी उनकी इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है महानगरों में रहनेवाला हर व्यक्ति ये मानेगा की रेलवे के कार्यो को गति मिली है , क्योंकि वर्षो से वह इसका इस्तेमाल कर रहा है और अपनी आँखों से अनुभव कर रहा है ।रेल यात्रा हम जैसे निम्न मध्यमवर्गीय लोगो के जीवन का एक अहम् हिस्सा है , चाहे लोकल ट्रेन में दैनिक सफर हो या मुलुक जाने के लिए लम्बा सफर , यह अपेक्षाकृत तेजी से सुखद ही हुआ है । फिर भी त्यौहार और छुट्टियों में गाँव जाने के लिए मारामारी रहती है और इस दिशा में और काम करने की आवश्यकता है , किन्तु ये निरंतर चलनेवाली प्रक्रिया है और इसमें कोई रुकावट न आये ये सुनिश्चित करना सरकार का काम है और कम से कम इस ओर सरकार के कदम सराहनीय रहे है और इसके परिणाम धरातल पर दिखाई भी दिए है । और यदि कोई ये कहता है की ऐसा नहीं है तो उसने रेलवे में वर्षो सफर नहीं किया होगा ।
अन्य मुद्दों पर चर्चा अगले पोस्ट में………

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