सोमवार, 19 अप्रैल 2010

उत्तर भारतीय संघ के साठ वर्ष पूर्ण

रविवार, १८ तारीख की शाम मुंबई के प्रसिद्ध षन्मुखानन्द हॉल में उत्तर भारतीय संघ की स्थापना के साठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रखे गए कार्यक्रम में बीती कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण थे विख्यात भोजपुरी गायक और अभिनेता मनोज तिवारी और उनके साथी राजनितिक विरोधाभास के बावजूद दोनों मुख्य राष्ट्रीय पार्टियो के नेता कार्यक्रम में अलग-अलग समय मौजूद रहे, बीजेपी के सरदार तारा सिंह जहाँ कार्यक्रम के शुरुआत में उपस्थित थे वही कांग्रेस के नारायण राणे,एकनाथ गायकवाड, कृपाशंकर सिंह और NCP के छगन भुजबल ने कार्यक्रम अंत में आकर अपने विचार रखे, कांग्रेस के नसीम खान ने भी आक्रामक और जोश से भरे अपने सन्देश में कथनी और करनी में भेद न होने देने की बात कही, देर से ही सही NCP के नरेन्द्र वर्मा भी पहुचें सारे राजनेताओ ने हमेशा की तरह ही राजनितिक बातें की और मुंबई सबकी हैं इस वाक्य का बार बार उपयोग करके उत्तर भारतीय वोट बैंक को अपने पक्ष में रखने की कोशिश करते रहे उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष श्री आर एन सिंह ने सीधे तौर पर मंच पर उपस्थित मंत्रीयो राणे और भुजबल से भूमि की मांग की जिससे की संघ अपने भविष्य की योजनाओ जैसे उच्च शिक्षा के महाविद्यालय अदि को मूर्त रूप दे सके, जिस पर हर संभव मदद करने का आश्वासन दोनों ही मंत्रियो ने किया, अब देखना हैं की ये कब तक साकार होता है उत्तर भारतीय संघ ने उत्तर भारतीय रत्न के रूप में वार्षिक पुरस्कारों की शुरुवात की जिसके पहले पात्र निर्देशक गजेन्द्र सिंह और अभिनेत्री श्वेता तिवारी बने उत्तर भारतीय समाज तमाम विरोधाभासो के बावजूद निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं इसका उदहारण इस कार्यक्रम में देखने को मिला किन्तु अभी भी कुछ आपसी मतभेद इस समाज को खोखला कर रहे है ऐसा भी प्रतीत हुआ समारोह में पूर्व पुलिस कमिश्नर श्री एम् एन सिंह ने भी शिरकत की इस कार्यक्रम में जबरदस्त समां उस वक्ता बंधा जब मनोज तिवारी ने देवी माँ का मशहूर गीत "बाड़ी शेर पे सवार" गया, इस गीत पर मिले श्रोताओ के प्रतिसाद से मनोज तिवारी भी भाव-विभोर हो गए कार्यक्रम के अंत सुर संग्राम विजेता गायक मोहन राठौर दर्शको को बाँध कर रख पाने में सफल नहीं हो पाए, बीच बीच में हास्य कलाकार सुरेश सावरा ने भी दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया कुल मिलकर ये शाम अच्छी ही बीती ऐसा मैं कह सकूँगा

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